Chandrayaan-3 Mission 2023: भारत ने इतिहास रच अंतरिक्ष में लहराया तिरंगा, चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग से लैंडिंग तक का सफर ऐसे हुआ तय

चंद्रयान-3 की सफल और सुरक्षित लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO समेत पूरे भारत देश में उत्साह एवं जश्न का माहौल बना हुआ है। भारत एक बार फिर चंद्रमा की सतह पर पहुंचने में सफल हो चुका है क्योंकि उसके द्वारा लांच किए गए चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर अपना कदम रख दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी यानी कि ISRO ने इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया था। इसरो के द्वारा सबसे पहले 2008 में पहला चंद्र मिशन लॉन्च किया गया था, जिसके बाद जुलाई 2019 में दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 एवं अब 14 जुलाई, 2023 को चंद्रयान-3 के रूप में तीसरा moon mission लॉन्च किया गया। आइए भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी यानी कि ISRO द्वारा Chandrayaan-3 launch करने के पीछे के उद्देश्य के बारे में जानते हैं।

क्या है Chandrayaan-3 Vikram Lander का उद्देश्य?

भारत ने आज इतिहास रच दिया है क्योंकि वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर कदम रखने वाला पहला देश बन गया है। पीएम नरेंद्र मोदी जी ने इस उपलब्धि के लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और सभी भारतीयों को बधाई दी एवं यह कहा कि भारत इस दिन को हमेशा याद रखेगा। इसरो ने लैंडिंग से 20 मिनट पहले स्वचालित लैंडिंग शुरू किया। Chandrayan-3 mission soft-landing Live cast से आप इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि Chandrayaan-3 mission के तहत यह 23 अगस्त को चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत के इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर प्रयोग की एक श्रृंखला आयोजित करना है। इसका अन्य मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के साथ-साथ वहां घूमना एवं इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है।

Vikram Lander Chandrayaan-3 से भारत ने किया साउथ पॉल पर लैंडिंग:

भारत का चंद्रयान-3 मिशन भारत की अंतरिक्ष शक्ति को बढ़ावा देते हुए Vikram Lander Chandrayaan-3 और 26 किलोग्राम के rover of Chandrayaan-3 वाले एलएम ने एक सप्ताह से भी कम समय में आज बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की, जिससे भारत देश यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश तथा पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात साउथ पॉल यानी कि दक्षिणी सतह पर उतरने वाला पहला देश बन गया। यदि आप rover name of chandrayaan 3 के बारे में नहीं जानते तो बता दें कि चंद्रयान-3 का रोबर नाम प्रज्ञान (Pragyan) है। 4 साल के इस दूसरे प्रयास में भारत चंद्रमा पर टचडाउन के साथ अमेरिका, चीन एवं सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की तकनीक में महारत प्राप्त करने वाला चौथा देश बन गया।

अंतरिक्ष में चंद्रयान-3 की हुई सफल लैंडिंग:

Chandrayaan-3 मिशन की असली परीक्षा Chandrayaan-3 landing Live update के आखिरी चरण में शुरू हुई। Chandrayaan-3 एक तरह से Chandrayaan-2 mission का ही एक अनुवर्ती मिशन है। जैसे-जैसे Vikram Lander Chandrayaan-3 मॉड्यूल फाइन ब्रेकिंग चरण पर पहुँचता है, चारों ओर तालिया की गूंज बढ़ने लगती है। एलएम जब वर्टिकल डीसेंट चरण में पहुंचा, जो लैंडिंग स्थल के लगभग 600 मीटर की दूरी पर था तब सभी की नजरें केवल अपने सामने चल रहे स्क्रीन पर थीं। सभी यही प्रार्थना कर रहे थे कि चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करे, जो कि सच हो चुका है। जैसे ही चंद्रायान ने चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग की, तालियां गूंज उठी और लोगों ने कहानियों में आने वाले चंदा मामा को बहुत ही ज्यादा करीब से देखा।

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