What is Halal Certification?

हलाल“ शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘जायज’ लेकिन इस शब्द का अर्थ बाजार की भाषा में प्रोडक्ट होता है यानी कि जो प्रोडक्ट इस्लामी कानूनों के अंदर इस्तेमाल करने के योग्य होता है, उसे ही हलाल नाम दिया जाता है। हलाल सर्टिफिकेशन (Halal Certificate) का अर्थ है किसी खास प्रोडक्ट्स के लिए एक ऐसा सर्टिफिकेट तैयार करना, जिसे इस्लामी नियमों के हिसाब से सही मान्य दिया जाता है। यानी कि उन प्रोडक्ट्स को खरीदते वक्त इस्लामी व्यक्ति इस बात से निश्चित हो जाते हैं कि वह प्रोडक्ट इस्लामी कानून के अंतर्गत है और इसका इस्तेमाल इस्लाम में गलत नहीं है।

क्यों हो रहा है Halal-Certified प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल?

विश्व में करीब 1.8 Billion इस्लामी आबादी है, जिसमें बहुत सारे देशों में केवल ऐसे खाद्य पदार्थों को ही बेचने की अनुमति है जो halal-certified हो। वैश्विक खाद्य बाजार का लगभग 19% खाद्य हलाल सर्टिफाइड होता है। बहुत सारी कंपनियां अपने प्रोडक्ट का halal certification करवा रही है ताकि बड़े बाजार में अपनी सर्विस देने के लिए वे सप्लाई और डिमांड को बढ़ा जा सके।

क्या Halal Certified में सरकार है शामिल?

भारत में कई ऐसे संगठन हैं, जो halal certificate जारी करती है। कंपनी की ओर से हलाल सर्टिफिकेट देने के लिए जो रिपोर्ट और दस्तावेज तय की जाती है, उसके जरिए उत्पाद की टेस्टिंग होती है। इस पूरी प्रक्रिया में सरकार का कोई भी हाथ नहीं होता है। विभिन्न कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को halal-certified बनाने के लिए हलाल सर्टिफिकेट बनाती है ताकि यह प्रमाणित हो सके कि उनके प्रोडक्ट्स इस्लामी देशों में बेचने के लिए सही है।

कौन-सी कंपनियां देती हैं हलाल सर्टिफिकेट?

कई इस्लामी देशों में Halal Certificate सरकार स्वयं देती है, लेकिन भारत में बहुत सारी कंपनियां हैं जो आपको हलाल सर्टिफिकेट प्रोवाइड करती है। हलाल सर्टिफिकेट कंपनी लिस्ट में जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र और जमीयत उलमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind ), हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Halal India Private Ltd), हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट शामिल हैं।

जानिए क्यों हो रहा है इसका विरोध?

‌हलाल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए प्रोडक्ट्स के प्रोसेसिंग में बहुत सारे संशोधन करने की जरूरत पड़ती है। ‌हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) के जरिए दुनिया के बहुसंख्यकों पर अल्पसंख्यक उपभोक्ता अपनी इच्छाएं थोपते हैं। ‌इसके कारण प्रोडक्ट प्रक्रिया में अधिक समय और पैसे भी लगते हैं। इसलिए इन उत्पादों की कीमत ग्राहकों से ज्यादा ली जाती है। ग्राहकों को halal-certified प्रोडक्ट्स के कारण परेशानी होने के कारण जगह-जगह इसका विरोध हो रहा है। वंदे भारत में Halal Certified Tea परोसने पर यह सवाल शुरू हुआ।

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