दोस्तों जाने-माने लेखक जय शेट्टी की किताब Think Like a Monk के बारे में तो आपने सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं इस किताब के अंतर्गत के अंदर बताई गई उन सभी बातों के बारे में जो किसी भी इंसान के जिंदगी में एक नया मोड़ ला सकती है। यदि नहीं तो आपको बता दें कि जो व्यक्ति इस किताब के अंदर बताई गई बातों को पढ़ लेता है और उसे अपने जीवन में इस्तेमाल करता है, उसे दुनिया की कोई भी ताकत सफल होने से नहीं रोक सकती। यदि आपने अभी तक इस किताब को नहीं खरीदा है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको बताने वाले हैं Summary of Think Like a Monk के बारे में जिसके अंतर्गत इस किताब से मिलने वाली शिक्षा और इसकी महत्वपूर्ण बातें भी आप तक जरूर पहुंच जाएगी।
Content At A Glance
Think Like a Monk किताब के लेखक का जीवन परिचय :
Think Like a Monk किताब Jay Shetty द्वारा रचित है जो मुख्य रूप से जीवन में असली खुशी को पहचानने और सही तरीके से जीवन को जीने का संदेश देता है। Jay Shetty एक वायरल वीडियो क्रिएटर के विजेता होने के साथ-साथ मोटिवेशनल स्पीकर और बेस्टसेलिंग ऑर्डर के तौर पर जाने जाते हैं। 2016 में Jay Shetty ने अपना यूट्यूब चैनल लांच किया था, आज इनके यूट्यूब से करीब करोड़ों फैंस जुड़े हैं। Jay Shetty को उनके प्रतिभा और योग्यता के लिए FORBES 30 under 30 में नामित किया जा चुका है। इनके एक दैनिक शो ‘हफपोस्ट’ लाइव आया था, जिसे लगभग 1 मिलियन से अधिक लोगों ने देखा। दरअसल Think Like a Monk किताब लिखने वाले जय शेट्टी की 18 साल की उम्र में एक संत से मुलाकात हुई थी, जिसके बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। उन्होंने ना केवल जीवन के सही अर्थ को जाना बल्कि 22 साल की उम्र में ही उन्होंने एक भिक्षु बन कर पूरे भारत और यूरोप की यात्रा में 3 साल बिताए।
Think Like a Monk किताब का सारांश :
जय शेट्टी द्वारा रचित किताब Think Like a Monk में लेखक ने अपने जीवन के अनुभवों का वर्णन किया है। इस किताब को तीन भागों में बांटा गया है –
Part 1 – Let Go
Part 2 – Grow
Part 3 – Give
Part 1 – Let Go :
Think Like a Monk के इस भाग में लेखक ने इस बात को समझाया है कि अपने अंदर के नेगेटिव चीजों या विचारों को छोड़ देना चाहिए। लेकिन इसके लिए सबसे पहले हमें खुद को जानना बहुत ही जरूरी होता है, तभी जाकर हम अपने अंदर के नकारात्मक चीजों को मिटा सकते हैं। बचपन में हमारे जीवन में कोई भी परेशानी नहीं होती है ना ही किसी प्रकार का तनाव होता है, हमारा जीवन ताजगी और स्फूर्ति से खुशहाल होता है। लेकिन जैसे- जैसे हम बड़े होते जाते हैं, मन में समाज द्वारा नेगेटिव बातें और खुद के इच्छाओं को पूरा करने की धूल जमती जाती है, जिससे हमारी खुशियां कम होने लगती हैं। साथ ही हमें ऐसा अनुभव होता है कि अगर हम इस चीज को हासिल कर ले तो हमें खुशी मिल जाएगी। लेकिन वास्तव में यह तथ्य पूरी तरह से गलत है।
Part 2 – Grow :
Think Like a Monk के इस भाग में लेखक ने यह बताया कि नेगेटिव चीजों को अपने अंदर से मिटाने के बाद में हमें मानसिक और आध्यात्मिक रूप से अभ्यास करना होगा ताकि वह नेगेटिव विचार फिर से हमारे अंदर ना आए। इसके लिए हमें कुछ बातों का अनुसरण करना होगा –
- Follow your passion:
हमें दूसरों को देखा देखी कुछ भी नहीं करना चाहिए बल्कि उस चीज में मन लगाना चाहिए जिसमें हमें भी खुशी मिलती हो।
- Good Intention:
हमें किसी भी काम को अच्छी नियत से करना चाहिए ऐसा नहीं कि आप किसी की मदद करें और आप भी यह सोचे कि बदले में वह भी आपकी मदद करेगा।
- Power of Routines:
अपने जीवन में एक नियमित रूटीन बनाना चाहिए और उसी के अनुसार समय निर्धारित करके काम करना चाहिए।
- Plan Your Next Day the Night Before:
कई बार हमारे पास एकाएक कर के बहुत सारे काम आ जाते हैं जिससे हम कुछ जरूरी काम करना भूल जाते हैं इसलिए इसका प्लान पहले से ही तैयार कर लेना चाहिए।
Part 3 – Give :
Think Like a Monk के इस भाग के अंदर जीवन में वास्तव में खुश और संपूर्ण इंसान बनने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखने को कहा गया है, जिसमें से सबसे जरूरी विषय ‘देने वाला बनना’ है।
- Mudita :
मुदिता का अर्थ होता है दूसरों को सहानुभूति देना या फिर दूसरों की खुशी में खुश हो जाना, अगर आप इस कांसेप्ट को समझ लें तो आपका जीवन बदल जाएगा।
- Relationship :
किसी भी रिश्ता को मजबूत बनाए रखना कि तीन चीजों पर ध्यान देना चाहिए – Presence, Attention और Intimacy। इसका अर्थ है कि किसी दूसरे के कष्ट में आप उसका फायदा ना उठाएं, ना ही उसके दुखों में आप अपना आनंद ढूंढें। बल्कि अगर आप किसी की मदद करें तो निस्वार्थ भाव से करें। साथ ही अपने आसपास के लोगों में भरोसा और प्यार बढ़ाएं, और सबसे बड़ी बात आप किसी से वादा तभी करें जब आप उसे निभाने की हिम्मत रखते हो।
Think Like a Monk किताब की मुख्य बातें :
Think Like a Monk किताब में कुछ मुख्य बातों पर ज्यादा जोर दिया गया है –
- अपनी खुशियों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
संतो से मिलने से पहले लेखक एक नौकरी करते थे, लेकिन उनके परिवार वाले उन्हें अपने अनुसार जीवन को जीने के लिए दबाव बना रहे थे, जिससे वह ना खुश रहते थे।
- अच्छे लोगों का संग करना चाहिए:
लेखक ने Think Like a Monk में बताया कि उन्हें संतो के साथ रहकर आंतरिक खुशी का अहसास हुआ और साथ ही उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला था।
- अपने आंतरिक शांति की तलाश करनी चाहिए:
लेखक को जब अध्यात्म का ज्ञान हुआ, और उन्हें यह समझ में आया कि उसी काम को करना उचित है जिसमें सबके साथ साथ उनकी भी खुशियां शामिल हो।
- जीवन का सही मकसद खोजना चाहिए:
हमें दूसरों की बातों में ना आकर अपने जीवन का सही उद्देश्य खोजना चाहिए और हम अपना जीवन कैसे बिताया इस बात पर विचार करना चाहिए।
- अपने जीवन को सार्थक बनाना:
अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए हमें बाहरी शोर को दूर रख कर खुद के अंदर के सकारात्मक गुणों और योग्यता को पहचानना बहुत ही जरूरी है।
Think Like a Monk किताब से मिलने वाली शिक्षा :
दोस्तों, Think like a monk को पढ़कर हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। यदि आप इस किताब को पढ़ते हैं तो आप भी कई बातों को सीख सकते हैं। जय शेट्टी द्वारा लिखी गई किताब Think Like a Monk में अपने दुख का असली वजह को जानने के साथ साथ अपनी जिंदगी में सच्ची खुशी, शांति और संतुष्टि की प्राप्ति करने की शिक्षा दी गई है। इसके अलावा इसमें तनाव से दूर रहने के तरीके भी बताए गए हैं जो आज के युवाओं के लिए काफी फायदेमंद है। इस किताब में अपने अंदर पॉजिटिव एनर्जी का संचार करने और जीवन को जीने के सही तरीके का उल्लेख किया गया है।
निष्कर्ष (Conclusion) :
दोस्तों, साफ शब्दों में कहें तो Think Like a Monk किताब के अध्ययन से आप जानेंगे कैसे अपने जीवन में नकारात्मक विचारों को दूर रख सकारात्मकता को हासिल किया जाए। साथ ही हमें कैसे अपने अहंकार को गलत तरह से नहीं बल्कि सही तरीके से अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपको आज की यह जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरुर शेयर करें। इसके अलावा आप यदि इस किताब को और भी डिटेल्स में पढ़ना चाहते हैं तो इसकी खरीदारी कर आसानी से इसे खरीद सकते हैं।
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