Mark Zuckerberg Biography and Success Story in Hindi

Facebook- हॉस्टल के कमरे से दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्क कंपनी बनने का सफर 

Mark Zuckerberg ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी(Howard University) में अपने कॉलेज के छात्रावास के कमरे से सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट(Social Networking Website) फेसबुक की स्थापना की । जुकरबर्ग ने इस साइट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने Sophomore ईयर के बाद कॉलेज छोड़ दिया, जिसका यूजर बेस 2 अरब (2 Billion) से ज्यादा लोगों तक हो गया है, फेसबुक कंपनी (facebook ) और मार्क ज़ुकेरबर्ग (Mark Zuckerberg) के ऊपर सन 2010 में फिल्म द सोशल नेटवर्क (The Social Network) में दिखाया गया है।

Mark Zuckerberg का जन्म और शुरुआती जीवन

मार्क जुकरबर्ग का जन्म 14 मई, 1984 को न्यूयॉर्क (New York) के White Plains  में एक सुशिक्षित परिवार में हुआ था । मार्क का ज़्यदातर बचपन पास के गांव Dobbs Ferry में बीता।

Mark Zuckerberg founder of facebook
Mark Zuckerberg
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जुकरबर्ग (Zuckerberg ) के पिता एडवर्ड जुकरबर्ग (Edward Zuckerberg)  घर से लगे हुए एक डेंटल क्लिनिक को चलाते थे। उनकी मां करेन Karen) ने बच्चों के जन्म से पहले मनोचिकित्सक के रूप में काम किया था।

Mark Zuckerberg ने कम उम्र में कंप्यूटर में रुचि लेना शुरू कर दिया था।  जब वह 12 वर्ष के थे  तभी उन्होंने अटारी बेसिक्स(Atari Basic) का इस्तेमाल कर “Zucknet ” नाम का एक मैसेज प्रोग्राम बनाया था जिसका उपयोग उसके पिता जी अपने डेंटल क्लिनिक में करते थे ताकि रिसेप्शनिस्ट के द्वारा उन्हें  बिना शोर के नए मरीज की सूचना मिल सके। परिवार के लोगों ने घर के भीतर संवाद के लिए “Zucknet ” का इस्तेमाल भी किया। बचपन में मार्क  ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनोरंजन के लिए कंप्यूटर गेम्स भी बनाए थे।

जुकरबर्ग (Zuckerberg ) के पिता एडवर्ड जुकरबर्ग (Edward Zuckerberg)  घर से लगे हुए एक डेंटल क्लिनिक को चलाते थे। उनकी मां करेन Karen) ने बच्चों के जन्म से पहले मनोचिकित्सक के रूप में काम किया था।

Mark Zuckerberg ने कम उम्र में कंप्यूटर में रुचि लेना शुरू कर दिया था।  जब वह 12 वर्ष के थे  तभी उन्होंने अटारी बेसिक्स(Atari Basic) का इस्तेमाल कर “Zucknet ” नाम का एक मैसेज प्रोग्राम बनाया था जिसका उपयोग उसके पिता जी अपने डेंटल क्लिनिक में करते थे ताकि रिसेप्शनिस्ट के द्वारा उन्हें  बिना शोर के नए मरीज की सूचना मिल सके। परिवार के लोगों ने घर के भीतर संवाद के लिए “Zucknet ” का इस्तेमाल भी किया। बचपन में मार्क  ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनोरंजन के लिए कंप्यूटर गेम्स भी बनाए थे।

Mark Zuckerberg Education

कंप्यूटर में Mark Zuckerberg की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए उनके माता-पिता ने निजी कंप्यूटर टीचर  डेविड न्यूमैन (David Newman) को हफ्ते में एक बार घर आने और जुकरबर्ग को कंप्यूटर पढ़ाने के लिए नियुक्त किया था। मार्क ने बाद में अपने घर के पास ही स्थित Mercy College  में स्नातक पाठ्यक्रम(Graduation Courses) शुरू कर दिया था।

मार्क ने बाद के वर्षों में न्यू हैंपशायर (New Hampshire) के एक्सक्लूसिव प्रिपरेशन स्कूल फिलिप्स एक्ज़ेटर एकेडमी(Phillips Exeter Academy) में पढ़ाई की । वहां उन्होंने तलवारबाजी तालीम  हासिल की, इसके अतिरिक्त मार्क  को  स्कूल की टीम का कप्तान भी बनाया गया था।  

मार्क जुकरबर्ग की कंप्यूटर के प्रति दीवानगी हमेशा से बनी रही और नए नए प्रोग्रामों को विकसित करने का जूनून भी जारी रहा । Mark Zuckerberg ने हाई स्कूल में ही संगीत सॉफ्टवेयर बनाया था। जो की बहुत लोकप्रिय हुआ था।

AOL और माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft ) सहित कई कंपनियों ने सॉफ्टवेयर खरीदने और ग्रेजुएशन से पहले मार्क को नौकरी पर रखने में दिलचस्पी जाहिर की थी लेकिन मार्क ने कोई भी ऑफर स्वीकार  नहीं किया।

2002 में Exeter से ग्रेजुएशन करने के बाद Zuckerberg  ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Howard University) में दाखिला लिया। परन्तु facebook के शुरू होने बाद अपनी कंपनी को प्राथमिकता देने के कारण मार्क ने कॉलेज छोड़ दिया।  

Howard यूनिवर्सिटी के दौरान ही Zuckerberg ने  कोर्समैच (Course Match ) नामक एक प्रोग्राम बनाया था, जिससे छात्रों को अपने पाठ्यक्रम चयन के आधार पर अपनी कक्षाएं चुनने में मदद मिलती थी।

Mark Zuckerberg ने कॉलेज में रहते हुए Facemash नाम का की वेबसाइट भी बनाई थी जिसने कैंपस में दो छात्रों की तस्वीरों की तुलना करने और यूजर्स को वोटिंग करने की सर्विस दी थी । ये प्रोग्राम कॉलेज बहुत प्रसिद्ध हुआ था, परन्तु  बाद में किसी विवाद से बचने के लिए स्कूल प्रशासन द्वारा इसे बंद कर दिया गया। 

मार्क के इन सब कामों के आधार पर उनके तीन साथी छात्र दिव्या नरेंद्र और कैमरून और टायलर विंकलवोस ने उन्हें एक सोशल नेटवर्किंग साइट पर काम करने के लिए राजी कर लिया जिसे उन्होंने हार्वर्ड कनेक्शन कहा था । इस वेबसाइट को एक डेटिंग साइट की तरह बनाना था  तथा इसमें  होवार्ड के छात्रों के डाटा का भी प्रयोग करना था। जुकरबर्ग इस प्रोजेक्ट में मदद करने के लिए राजी हो गए, लेकिन कुछ विवाद की वजह से जल्द ही मार्क ने इस काम से अपने को अलग कर लिया। 

Mark Zuckerberg As Founder of Facebook

जुकरबर्ग और उनके दोस्त डस्टिन मोस्कोविट्ज (Dustin Moskovitz), क्रिस ह्यूजेस (Chris Hughes)  और एडुआर्डो सेवरिन (Edurado Saverin)  ने मिलकर फेसबुक बनाया, एक ऐसी वेबसाइट जिसने यूजर्स को अपना प्रोफाइल बनाने, फोटो अपलोड करने और अन्य यूजर्स के साथ संवाद करने की इजाजत दी। छात्रों के इस ग्रुप ने  सन 2004 जून के बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक छात्रावास के कमरे से बाहर  भी वेबसाइट विस्तार शुरू कर दिया।

उसी साल Mark Zuckerberg कॉलेज से बाहर हो गए और कंपनी को पालो आल्टो, कैलिफोर्निया (Palo Alto California ) लेकर चले गए । 2004 के अंत तक फेसबुक के 10 लाख (1 Million) यूजर्स थे।

2005 में जुकरबर्ग के एंटरप्राइज को वेंचर कैपिटल फर्म एक्सेल पार्टनर्स से भारी फण्ड मिला । Accel Network ने करीब 1.2 करोड़ (12 Million ) का निवेश facebook में किया ।

दिसम्बर 2005 तक फेसबुक की सदस्यता को 5.5 मिलियन (55 लाख) से अधिक तक पहुँच गयी।  अब वेबसाइट ने अन्य कंपनियों को इस पर विज्ञापन करने और अपने प्रोडक्ट का प्रचार करने के लिए आकर्षित करना शुरू कर दिया था। 

फेसबुक की बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखकर याहू और एमटीवी नेटवर्क जैसी कंपनियों ने इसे खरीदने का प्रस्ताव दिया परन्तु Mark Zuckerberg ने  इसे बेचने के बजाय साइट के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया और अधिक सुविधाओं को जोड़ने पर ध्यान दिया जिसने फेसबुक (Facebook ) को अपने प्रतिध्वंदियों से मीलों आगे कर दिया।   

Facebook का आईपीओ (IPO)

मई 2012  में फेसबुक (Facebook) ने अपनी शुरुआती आईपीओ (IPO) लांच किया , जिसने 16 बिलियन डॉलर जुटाए, जिससे यह इतिहास का सबसे बड़ा इंटरनेट आईपीओ बन गया।

आईपीओ की शुरुआती सफलता के बाद फेसबुक स्टॉक (Facebook Stock) की कीमत कारोबार के शुरुआती दिनों में कुछ गिरी, हालांकि जुकरबर्ग को अपनी कंपनी के  प्रदर्शन में किसी भी उतार-चढ़ाव होने की उम्मीद थी। 2013 में फेसबुक ने फॉर्च्यून 500 (Fortune 500 ) की लिस्ट में पहली बार जगह बनाया। और  28 साल की उम्र में Mark Zuckerberg  को इस लिस्ट में सबसे कम उम्र का CEO बनने का गौरव प्राप्त हुआ। 

कैंब्रिज एनालिटिक घोटाला  (Cambridge Analytica Scandal )

जुकरबर्ग ने 2016  अमेरिकी राष्ट्रपति (American Presedential election ) चुनाव के लिए अपनी  साइट पर फर्जी समाचार पोस्ट  के प्रचार  के लिए आलोचना की थी । मार्क ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “हम सभी गलतियों या दुर्व्यवहार को नहीं रोकेंगे, लेकिन वर्तमान में हम अपनी नीतियों को लागू करने और अपने उपकरणों के दुरुपयोग को रोकने में बहुत अधिक त्रुटियां करते हैं। अगर हम इस पर सफल रहे तो हम एक बहुत बेहतर पर्यवेक्षक  बन पाएंगे.”

मार्क जुकरबर्ग कुछ महीने बाद फिर से आग की चपेट में आ गए जब पता चला कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 2016 के चुनाव अभियान से जुडी हुई डेटा फर्म कैंब्रिज एनालिटिका (Cambridge Analytica) ने बिना फेसबुक के इजाजत के लगभग 87 मिलियन (87 million) फेसबुक प्रोफाइल से निजी जानकारी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में किया था। जिसके परिणामस्वरूप  Facebook में निवेशकों के विश्वास को धक्का लगा और फेसबुक के शेयर करीब 15 प्रतिशत तक गिर गए  और इसके बाद चारों तरफ लोगों के पर्सनल इनफार्मेशन के दुरुपयोग पर फेसबुक की आलोचना शुरू हो गयी। तथा ये भय फ़ैल गया की किसी का भी फेसबुक अकाउंट सुरक्षित नहीं है  

25 मार्च दिन रविवार को Mark Zuckerberg ने व्यक्तिगत रूप से माफी के रूप में सात ब्रिटिश और तीन अमेरिकी अखबारों में पूरे पेज के विज्ञापन निकाले। उन्होंने वादा किया कि कंपनी अपने सभी एप्स की जांच करेगी और उन्होंने लिखा, ” मुझे खेद है कि हमने समय पर अधिक नहीं किया। मैं आपके लिए बेहतर करने का वादा करता हूं।” 

लोगों की पर्सनल जानकारी का इस तरह से सार्वजानिक उपयोग को अमेरिका में बहुत बड़ा अपराध माना जाता है अंतः Mark Zuckerberg को अमेरिकी कांग्रेस से सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर सवालों के जवाब देने पड़े और देश से माफ़ी भी मांगनी पड़ी की भविष्य में डाटा चोरी की ऐसी घटना नहीं होगी और लोगों की इनफार्मेशन को सुरक्षित (Secure) रखा जायेगा।  

शिक्षा (Lesson to Learn)

इस तरह से हम देखते हैं की कैसे एक साधारण पृष्ठभूमि का लड़का अपनी योग्यता और टीम बिल्डिंग के दम पर दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्क कंपनी खड़ा कर  देता है फेसबुक सबसे बड़ा उदाहरण है एक बेहतर टीम का , इससे हमें यही सीख मिलती है की हमें सही दिशा में और फोकस होकर काम करना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए की एक सही टीम अपने चारों बना सके। 

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