Man’s Search for Meaning Book Review (2023)

दोस्तों, क्या आपने Man’s Search For Meaning: The classic tribute to hope from the Holocaust नाम की किताब के बारे में सुना है? यदि नहीं तो आपको बता दें कि यह एक ऐसी किताब है, जो आपकी पूरी जिंदगी बदल कर रख सकती है। इतना ही नहीं इस किताब में बताई गई बातें आपको आपके जीवन में सफलता के और करीब पहुंचा देगी। यदि अभी तक आपने इस किताब को नहीं खरीदा है लेकिन आप इस किताब में लिखी हुई बातें जानना चाहते हैं तो आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं Summary of Man’s Search For Meaning book review, जिसके अंतर्गत इस किताब में बताई गई महत्वपूर्ण बातें और मिलने वाली सीख को भी हमने आपके लिए उपलब्ध करवाया है।

Man’s Search For Meaning: The classic tribute to hope from the Holocaust किताब के लेखक का जीवन परिचय :

यह किताब विक्टर फ्रैंकल द्वारा लिखी गई है। विक्टर फ्रैंकल एक ऑस्ट्रेलियाई मनोचिकित्सक और न्यूरोलॉजिस्ट होने के साथ ही एक होलोकॉस्ट यानी कि प्रलय उत्तरजीवी भी थे‌। फ्रेंकल लोगोथेरेपी और अस्तित्व पराग विश्लेषण के संस्थापक भी रह चुके हैं, साथ ही ऑस्ट्रेलियन मेडिकल सोसायटी ऑफ साइकोथेरेपी के अध्यक्ष भी थे। इन्होंने Man’s Search For Meaning: The classic tribute to hope from the Holocaust किताब के अलावा और भी कई किताबें प्रकाशित की। दुनिया भर में अपने कई सेमिनार किताबें प्रकाशित पर व्याख्यान भी दिया, जिसके कारण उन्हें डायरेक्टर की 29 मानद उपाधियां भी हासिल की।

फ्रेंकल गेना मेडिकल विश्वविद्यालय में मनोचिकित्सा और न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर होने के साथ ही वहां मनोचिकित्सा के तीसरे विनीत स्कूल के संस्थापक थे। इनका जन्म 1905 में हुआ है, इन्होंने डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन एवं डॉक्टर आफ फिलासफी की डिग्री वियना विश्वविद्यालय से प्राप्त की। इन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के समय ऑशविट्ज़, दचाऊ ऐसे ही कई एकाग्रता शिविरों में लगभग 3 साल बिताया था। इन्होंने अपनी सबसे पहली किताब 1924 में इंटरनेशनल जर्नल आफ साइक्लोन से प्रकाशित किया। 

Man’s Search For Meaning: किताब का सारांश :

Man’s Search For Meaning: The classic tribute to hope from the Holocaust में लेखक ने ज़िन्दगी के सच्चे अर्थ की खोज करने की कहानी लिखी है। इसमें उन्होंने अपने जीवन के उन अनुभवों का वर्णन किया है, जो उन्होंने नासिक के कारावास में रहकर बिताया था। द्वितीय विश्व युद्ध के समय जो लोग हार जाते थे, उन्हें पकड़ कर कैदी बनाया जाता था‌। ऐसे में नासिक के कारावास में भी बहुत सारे कैदियों को रखा जाता था। नासिक के कारावास के कैदियों से लेखक भी एक थे। उस कारावास में कैदियों को दो तरीके से सजा दिया जाता था। वहां पर कैदियों का जीवन हमारे दैनिक जीवन से काफी अलग होता था।

नासिक कंसंट्रेशन कैम्प में कैदियों को बहुत ही भयानक सजा दी जाती थी। नासिक कैंप में जब कैदियों को ले जाया जाता था तो वहां उन्हें दो भागों में बांट दिया जाता था। एक को तो तुरंत गैस चेंबर में डालकर मार दिया जाता था और दूसरे से कड़ी मेहनत कराई जाती थी। लेखक इस कारावास में लगभग 5 सालों तक सजा काटे थे। वहां पर इस कदर कैदियों पर मानसिक अत्याचार किया जाता था कि कुछ कैदी उन्हें देखकर ही अपना मानसिक संतुलन खो देते थे और पागल बन जाते थे। ऐसे में वेसे कैदी आत्महत्या कर लेते थे, जैसे कि आम जिंदगी में कुछ लोग कर लेते हैं तनाव में आकर लेकिन जो लोग वहां रहकर जिंदा रहने के निर्णय कर लेते थे उनके अंदर से प्यार, दया और मानवीय भाव खत्म ही हो जाता था। वे लोग अपने जिंदगी को बस संघर्ष से जीते थे। ऐसे में जो कैदी वहां से छूट कर बाहर जाते थे, वह साधारण जिंदगी नहीं जी पाते थे।

लेखक ने लेकिन वहां पर कुछ ऐसा देखा था कि जिसकी कल्पना उन्होंने नहीं की थी। कुछ लोग वहां पर ऐसे थे जो लोग ऐसे संघर्ष के समय में भी अपनी जिंदगी को खुल कर जी रहे थे। साथ ही वहां पर एक दूसरे से खाना शेयर कर रहे थे, जहां बाकी के कैदी लड़ाई झगड़ा कर रहे थे, वहां पर कुछ कह दी साथ बैठकर खाली समय में हंस बोल कर बात कर रहे थे। ऐसे में लेखक को जीवन का सही उद्देश्य का पता चला की संघर्ष छोटा हो या बड़ा मनुष्य का रवैया और नजरिया सही होना चाहिए।

Man’s Search For Meaning book महत्वपूर्ण बातें:

दोस्तों, Man’s Search For Meaning: The classic tribute to hope from the Holocaust किताब को लिखने के पीछे लेखक ने कुछ मुख्य भाग बातों को समाज के सामने लाने का प्रयास किया है जो कुछ इस प्रकार है-

  • Viktor Frankl द्वारा लिखी गई इस किताब में यह बताया गया है कि हमें हमेशा ‌अपने दुखों से ऊपर उठकर सोचना चाहिए।
  • इस किताब के मुताबिक लेखक ने यह कहा है कि ‌मन की आंतरिक गहराई में जाकर जीवन का उद्देश्य तलाशना और उसे पूरा करना ही हमारे जीवन का महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए।
  • इस किताब में लेखक कहते हैं कि ‌संघर्ष के समय में भी हिम्मत नहीं हारना ही जीवन की सबसे बड़ी जीत है।
  • लेखक ने इस किताब को पढ़ने वालों के लिए बताया है कि ‌परिस्थितियां कैसी भी हों, जीवन जीने की कला को याद रखना चाहिए।

Man’s Search For Meaning book से मिलने वाली शिक्षा :

Man’s Search For Meaning: The classic tribute to hope from the Holocaust किताब से लेखक सभी पाठकों को कुछ सीख देना चाहते हैं। Viktor Frankl द्वारा लिखी गई यह किताब वाकई में एक बेहद शानदार और शिक्षा देने वाली किताब है। इस किताब में लेखक ने‌ संघर्ष के समय में भी खुश रहना, ‌विपरीत परिस्थितियों से बिना हारे आपस में मिलकर रहना‌ आदि के बारे में बताया है। इसके अलावा उन्होंने इस किताब में परिस्थितियों से हारने के बजाय उसका डट कर सामना करने और ‌अपने मानवीय भावनाओं को बिना खत्म किए ही संघर्ष से निकलने के आसान तरीके बताए हैं।

निष्कर्ष (Conclusion) :

दोस्तों, मूल अर्थ में कहें तो Man’s Search For Meaning: The classic tribute to hope from the Holocaust किताब से हमें यही समझ में आता है कि हमें अपने मानवीय भाव को सदैव जिंदा रखना चाहिए क्योंकि हर संघर्ष से लड़ने के लिए यही हमें ताकत देते हैं। अगर हम इसे ही नजरअंदाज कर देते हैं, तो हम मुश्किल आने पर परेशान हो जाएंगे। वास्तव में हमारी जिंदगी वैसे ही बनती है जैसा कि हम सोचते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि हम हमेशा सकारात्मक ही सोचे। दोस्तों अगर आपको आज की यह जानकारी पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरुर शेयर करें। साथ ही इस किताब के बारे में भी बताएं कि कैसे इस किताब को पढ़कर वह भी अपनी जिंदगी बदल सकते हैं और सफलता हासिल कर सकते हैं।